Monday, July 17, 2017

ज्योतिषी सलाह: क्या आपका वैवाहिक जीवन जीवन कष्ट में है? Is your marriage life in trouble?

ज्योतिषी सलाह: क्या आपका वैवाहिक जीवन जीवन कष्ट में है? Is your marriage life in trouble?
Astrologer Housi lal chourey:
ग्रह-तारे: click the blog. 09893234239, 08319942286,08861209966:housi.chourey@gmail.com:
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कुंडली विश्लेषण में आज हम चर्चा कर रहे हैं की हमारा विवाह जीवन कष्ट में रहेगा इसके लिए हमें कुंडली में सातवें भाव ,सप्तमेश, लग्न ,शुक्र एवं गुरु की स्थिति को मुख्य रूप देखना चाहिए ।सप्तम भाव क्योंकि कुंडली में विवाह का कारक ह,विवाह से संबंधित है तथा सप्तमेश को भी देखने आवश्यक है क्योंकि वही इस भाव का स्वामी है, शुक्र इस भाव का कारक ग्रह ,गुरु ग्रह भी कारक ग्रह है। अतः लग्नेश सप्तमेश संबंधों को भी देखना अवश्य है।नवांश कुंडली को भी इसका आधार बना के ऊपर बतावे भाव को देखना चाहिए ।  ऊपर बतावे भाव उनका स्वामी तथा उसका कारक पाप ग्रहों के मध्य स्थित हो । पापी ग्रहो से युक्त हो ,निर्बल हो शुभ ग्रह ना उसे देखते हो ,तब हमें हमारे वैवाहिक जीवन कस्टमय का होगा अगर सप्तमेश पापाक्रांत होकर छठे आठवें बारह भाव में नीच का हो तो हो तो जातक और जातिका को यह में प्रॉब्लम आ सकती है ।यदि षष्टेश अष्टमी द्वादशेश सतंम भाव में विराजमान हो उस पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि ना हो और तो वह भी सुख में बाधा आती है । राहु केतु सप्तम भाव में हो उसके ग्रहों से युति बनती हो, सप्तमेश वक्री हो शनि की दृष्टि हो तो विवाह में प्रॉब्लम आती है । हमने जाना कि  वैवाहिक जीवन  कस्टमर  होंगा अगर सप्तम भाव ,सप्तमेश, द्वितीय भाव पर  क्रूर ग्रहों का प्रभाव हो फिर अगर हमारा अष्टकूट मिलान भी ठीक ना होने पर वैचारिक मतभेद के कारण हमारा  वैवाहिक जीवन कष्टमय रहता है । कुंडली में मंगल दोष होने पर भी पति पत्नी के बीच में मध्य तनाव बढ़ जाता है क्योंकि मंगल क्रूर ग्रह  है, गर्म स्वभाव है उसका इसलिए वह दोनों के बीच में मनमुटाव क्लेश, तनाव आदि की स्थिति पैदा करता है ।इसलिए नान मांगलिक और मांगलिक की शादी होने से यह स्थिति बनती है अतः कुंडली में ऊपर बताए हुई योग को जानकर उनका उपाय करके हम उनके प्रभाव को कम कर सकते है।धन्यवाद।

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