Tuesday, March 31, 2015

ज्योतिष :शिक्षा में सफलता पाने के सामान्य उपाय : Astrology :General remedy of success in education:

शिक्षा  में सफलता पाने के सामान्य उपाय करने  विद्या-बुद्धि में वृद्धि होती है।

बड़ों का आशीर्वाद लेना चाहिए।  
हल्दी :सुबह स्नान करते समय पानी में थोड़ी पिसी हल्दी मिलाकर स्नान करना चाहिए
मीठे दही में तुलसी का पत्ता मिलाकर उसका सेवन करना चाहिए।
पूर्व या उत्तर: पढ़ाई के  समय अपना मुंह पूर्व या उत्तर की होना चाहिए।
सुबहः पढ़ाई सुबह के  समय करना चाहिए।
मोरपंख : पुस्तकों में मोरपंख रखना चाहिए।
सूर्य स्वर (दायां स्वर) :जब  चल रहा हो, तब पढ़ाई करें तो वह जल्दी  याद  होता हैं ।
ब्राम्ही :का सेवन करना चाहिए। 
बुध ग्रह : याददास्त को मजबूत करने  के  लिए बुध ग्रह  को मजबूत चाहिए। 
परीक्षा :परीक्षा के  समय पास मैं  कपूर  रखने सै नकारात्मक ऊर्जा  कम  होती   हैं।
परीक्षा में जाने से पूर्व मीठे दही मे तुलसी के पत्ते खाकर  घर से निकलें।
गणेश जी :गणेश जी का कोई ऐसा चित्र या मूर्ति घर में रखें या लगाएं, जिसमें उनकी सूंड़ दाईं ओर मुड़ी हो। गणेश जी की आराधना करें। बुधवार को गणेश जी के मंदिर में जाकर दर्शन करें।गणेश जी का मंत्र जाप करें और बुधवार के दिन दूर्वा चढ़ाने से बच्चों में बुद्धि ठीक होती है। 
मां सरस्वती : के बीज मंत्र ‘ऐं’ मंत्र का जाप करना चाहिए। 
इष्‍ट :का ध्यान करें।
गाय : को हरी घास खिलाएँ।
पक्षियों :पक्षियों  को जो ,बाजरा खिलाना चाहिए।
गुरु , माता-पिता की सेवा करें।
गणेश रुद्राक्ष धारण करें। 
सूर्य के उपाय:
तांबे के लोटे से सुबह-सुबह सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए ।
आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करे। 
सूर्य के सामने ॐ घृणी सूर्याय नमः का  जाप  करे।
गायत्री का जप करे।तुलसी :घर में तुलसी का पौधा लगावे। पिता की सेवा करे
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Sunday, March 29, 2015

ज्योतिष : अकारक ग्रहों : उपाय मंत्र जप, दान :Astrology :Remedy mantra chanting, Dan

जन्म कुंडली से  अकारक ग्रहों  को जानकर उनका उपाय ,मंत्र जाप, दान से (Remedy mantra chanting, Dan )करना चाहिए। 
कारक ग्रह :शुभ फल देते हैं।
कुंडली के कारक ग्रह :केंद्र त्रिकोण के स्वामी।

अकारक ग्रह: अशुभ फल देते हैं।  अकारक ग्रहों के अशुभ प्रभावों में कमी करने के लिए ग्रहों से संबंधित मंत्र जप, दान तथा व्रत करना चाहिए।
जन्म कुंडली में अकारक ग्रह अशुभ फल देते हैं:
अशुभ भावों के स्वामी अकारक ग्रह होते  हैं।   
अशुभ भावों के स्वामी :त्रिषटायश :3 भाव , 6 भाव , 11 भाव , के स्वामी ग्रह
मारक भाव :2 भाव एवं 7 भाव के स्वामी ग्रह. 
भाव :8वें और 12वें भाव के स्वामी ग्रह ।
अशुभ फल देने का  समय :
अशुभ भावों के स्वामी की दशा, अंतर्दशा तथा प्रत्यंतर में  अशुभ फल देंते हैं । 
लग्न के अनुसार अकारक ग्रह:
मेष :बुध, शुक्र, शनि।
वृष :चंद्र, मंगल, गुरू।
मिथुन में सूर्य, चंद्र, मंगल, गुर।
कर्क में सूर्य, बुध, गुरू, शुक्र, शन।
सिंह में चंद्र, गुरू, शुक्र, शन।
कन्या में सूर्य, मंगल, गुरू, शुक्र, शन।
तुला में मंगल, बुध, गुर।
वृश्चिक में बुध, शुक्र, शन।
धनु में चंद्र, मंगल, बुध, शुक्र, शन।
मकर में सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुर।
कुंभ में सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरू ।
मीन में सूर्य, मंगल, शुक्र, शन।
राहु-केतु :स्थान और  ग्रह के अनुसार  फल देंगे।
अकारक ग्रह के लिए  मंत्र, 

सूर्य मंत्र- ऊँ घृणि सूर्याय नम:, जप संख्या 7,000
चंद्र मंत्र- ऊँ सों सोमाय नम:, जप संख्या- 11,000
मंगल मंत्र- ऊँ अं अंगारकाय नम:, जप संख्या- 10,000
बुध मंत्र- ऊँ बुं बुधाय नम:, जप संख्या- 9,000
गुरू मंत्र- ऊँ बृं बृहस्पतये नम:, जप संख्या 19,000
शुक्र मंत्र- ऊँ शुं शुक्राय नम:, जप संख्या 16,000
शनि मंत्र- ऊँ शं शनैश्चराय नम:, जप संख्या- 23,000
राहु मंत्र- ऊँ रां राहवे नम:, जप संख्या- 18,000
केतु मंत्र- ऊँ कें केतवे नम:, जप संख्या- 17,000
अकारक  ग्रहों के उपाय : 

सूर्य : सूर्य को जल दे. पिता की सेवा करे।   गेहूँ और तांबे का बर्तन दान करें। 
चंद्र : किसी मंदिर में कुछ दिन कच्चा दूध और चावल रखें: माता की सेवा करे।  चन्द्र के लिए चावल, दुध एवं चान्दी के वस्तुएं दान करें. 
मंगल : मंगलवार को बंदरो को भुना हुआ गुड और चने खिलाये। बड़े भाई बहन के सेवा करे. मंगल के लिए साबुत, मसूर की दाल दान करें  
बुध : ताँबे के पैसे में सूराख करके बहते पानी में बहाएँ।
फिटकरी से दन्त साफ करे. साबुत मूंग का दान करें। माँ दुर्गा की आराधना करें।
बृहस्पति : केसर का तिलक रोजाना लगाएँ।  कुछ मात्रा में केसर खाएँ और नाभि या जीभ पर लगाएं।  चने की दाल या पिली वस्तु दान करें.

शुक्र : गाय की सेवा करें। घर तथा शरीर को साफ-सुथरा रखें।
गाय को हरा चारा डाले। दही, घी, कपूर का दान करें. 

शनि : शनि के दिन पीपल पर तेल का दिया जलाये।  किसी बर्तन में तेल लेकर उसमे अपना क्षाया दखें और बर्तन तेल के साथ दान करे. हनुमान जी की पूजा करे और बजरंग बाण का पाठ करे. काले साबुत उड़द एवं लोहे की वस्तु का दान करें. 
राहु : जौ या मूली या काली सरसों का दान करें।
केतु :  चींटियों को। काला सफ़ेद कम्बल कोढियों को दान करें। कौओं को रोटी खिलाएं. काला तिल दान करे.कर्म ठीक रखे।

 नोट :अपनी  कुंडली अच्छे ज्योतिषी  को  दिखाइए  और अकारक ग्रहों
को जानकर उनकी दशा, अंतर्दशा तथा प्रत्यंतर में उपाय करके अशुभ प्रभावों में कमी कर सकते  हैं  
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Tuesday, March 24, 2015

ज्योतिष :राशि के अनुसार : रंगो का उपयोग :राशि का स्वामी : Astrology: color:

राशि के अनुसार रंगो का उपयोग :
ग्रह दोष दूर करने के लिए रंगो का ,रुमाल ,बेड कवर, चादर, कपड़े, गहने, पर्दे ,पर्स, वस्त्र पहनें , घर की सजावट में ,महिलाएँ इन रंगों की बिंदी ,सोफा कवर या पिलो कवर,सफलता ,होली मे रंग आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं.राशि के अनुसार रंगो  का उपयोग किया  जाए तो धन संबंधी  शुभ फल प्राप्त होते हैं।


राशि का  स्वामी और रंग  क्या है ।
मेष का स्वामी :मंगल है । 
मेष राशि का रंग : लाल, गुलाबी और ऑरेंज हैं   ।

वृषभ राशि का स्वामी: शुक्र है।
वृषभ राशि का रंग :   सिल्वर ,नीला , आसमानी ,सफ़ेद,चमकीले और भड़कीले ।
मिथुन का स्वामी :बुध हैं।
मिथुन : - हरा, हल्का हरा , हल्का नीला ।

कर्क राशि का स्वामी :चन्द्रमा है। 
कर्क राशि का रंग :  सफ़ेद , दूधिया और रूपहला  ।
सिंह  राशि का स्वामी : सूर्य है।  
सिंह :  गुलाबी , हल्के हरे, नारंगी, पीलेभगवा,चमकता रूपहला और सुनहरा पीला । 
कन्या का स्वामी : बुध हैं। 
कन्या राशि का रंग :  साफ़ धुले पत्ते जैसा हरा, हल्का हरा, हल्का नीला ।
तुला राशी का स्वामी :शुक्र हैं।
तुला राशि का रंग: अनुकूल - चटकीला सफ़ेद , गुलाबी , मोती जैसा सफ़ेद ,चमकदार रंग,।  
वृश्चिक का स्वामी :मंगल  हैं।
वृश्चिक राशि का रंग : हल्का लाल , मैरून , सिंदूरी लाल ,  गुलाबी और ऑरेंज।

धनु राशि का स्वामी : गुरु है
धनु राशि का रंग  : पीले, नारंगी,  रंग गुलाबी  ।
मकर राशि का स्वामी :शनि हैं ।
मकर राशि का रंग :आसमानी व नीले , फिरोजी ,गहरा नीला, गहरा हरा, काला और भूरे। 

कुम्भ का स्वामी : शनि हैं।
कुम्भ राशि का रंग :  गाड़ा नीला , बैंगनी , गहरा नीला, गहरा हरा, काला और भूरा।  

मीन का स्वामी :गुरु |हैं ।
मीन राशि का रंग :  हल्दी जैसा हलका पीला ।
 नोट :अपनी  कुंडली अच्छे ज्योतिषी  को  दिखाइए ।
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Sunday, March 22, 2015

ज्योतिष :गोचर विचार :भ्रमण काल:गोचर के अनुसार ग्रहों का फल :Astrology: : Transit Vichar :

गोचर : निरन्तर चलने वाला।
गोचर का फल भावानुसार शुभ-अशुभ होता  है।
भ्रमण काल:
सूर्य,शुक्र,बुध का भ्रमण काल १ माह होता  हैं। 

चंद्र का भ्रमण काल  सवा दो दिन होता  हैं ।  
मंगल का भ्रमण काल  ५७ दिन होता  हैं । गुरू का भ्रमण काल  १ वर्ष होता  हैं ।  राहु-केतु का भ्रमण काल डेढ़ वर्ष होता  हैं । शनि का भ्रमण काल डेढ़ वर्ष होता  हैं ।  ये ग्रह इतने समय में एक राशि में रहते हैं। बाद  मे अपनी राशि-परिवर्तन करते हैं।
गोचर के अनुसार ग्रहों का फल  :

१. सूर्य-
सूर्य जन्मकालीन राशि से ३,६,१० और ११ वें भाव में शुभ फल देता है। बाकी भावों में  अशुभ फल  देता है।
२. चंद्र-
चंद्र जन्मकालीन राशि से १,३,६,७,१०,व ११ भाव में शुभ फल देता है।  

बाकी भावों में  अशुभ फल  देता है।
३. मंगल-
मंगल जन्मकालीन राशि से ३,६,११ भाव में शुभ फल देता है। बाकी भावों में अशुभ फल देता है।
४. बुध-
बुध जन्मकालीन राशि से २,४,६,८,१० और ११ वें भाव में शुभ फल देता है। बाकी भावों में अशुभ फल देता है।
५. गुरू-
गुरू जन्मकालीन राशि से २,५,७,९ और ११ वें भाव में शुभ फल देता है। बाकी भावों में अशुभ फल देता है।
६. शुक्र-
शुक्र जन्मकालीन राशि से १,२,३,४,५,८,९,११ और १२ वें भाव में शुभ फल देता है। बाकी भावों में अशुभ फल देता है।
७. शनि-
शनि जन्मकालीन राशि से ३,६,११ भाव में शुभ फल देता है। बाकी भावों में अशुभ फल देता है।
८.  राहु-
राहु जन्मकालीन राशि से ३,६,११ वें भाव में शुभ फल देता है। बाकी भावों में अशुभ फल देता है।
९.  केतु-
केतु जन्मकालीन राशि से १,२,३,४,५,७,९ और ११ वें भाव में शुभ फल देता है। बाकी भावों में अशुभ फल देता है।


नोट :अपनी  कुंडली अच्छे ज्योतिषी 
को  दिखाइए ।
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Saturday, March 21, 2015

ज्योतिष : कुंडली से जाने :कौन सी दिशा से जॉब मे प्रगति हो सकती हैं :Astrology: in which direction jobs can progress.

कुंडली से जान सकते हैं कि कौन सी दिशा से जॉब आदि  मे  प्रगति(progress )हो सकती हैं।
हमारे देखने मैं आया  है की हम  जिस स्थान पर जन्म लेते  है वहाँ हमारी  प्रगति नहीं होती हैं।  परन्तु उस स्थान से दूर जाते ही हमारी प्रगति होने लगती हैैं।   इसे जानने के लिए कुंडली देखना जरूरी हो जाता हैं । दशम भाव  में जो राशि होती है, उसके अनुसार जॉब आदि  की दिशा तय हो  जाती है। 
दशम भाव  में अगर मेष, सिंह, धनु राशि  हो तो पूर्व दिशा मैं हमारी  प्रगति हो सकती  हैं।
दशम भाव  में अगर वृषभ, कन्या, मकर राशि  हो तो  दक्षिण दिशा
मैं हमारी  प्रगति हो सकती  हैं।
दशम भाव  में अगर मिथुन, तुला, कुंभ   राशि  हो तो  पश्चिम दिशा
मैं हमारी  प्रगति हो सकती  हैं।
दशम भाव  में अगर कर्क, वृश्चिक, मीन   राशि  हो तो  उत्तर दिशा मैं हमारी  प्रगति हो सकती  हैं।  
दशम भाव  से ग्रहों की दिशाएँ :
अगर दशम भाव  मैं ग्रह हो तो उसके अनुसार दिशा तय की जा सकती हैं जो इस प्रकार  से  हैं -
ग्रहों में सूर्य ईस्ट दिशा  को बताता हैं।
ग्रहों में चंद्र नॉर्थ-वेस्ट (वायव्य) को बताता हैं।
ग्रहों में मंगल साउथ को बताता हैं।
ग्रहों में  बुध नॉर्थ को बताता हैं।
ग्रहों में  गुरु नॉर्थ-ईस्ट को बताता हैं।
ग्रहों में   शुक्र साउथ ईस्ट को बताता हैं।
ग्रहों में  शनि वेस्ट को बताता हैं।
ग्रहों में  राहु-केतु साउथ-वेस्ट को बताता हैं।
इस प्रकार से हम   कुंडली देख कर   जान सकते हैं कि हमारे  लिए कौनसी दिशा से जॉब आदि  मे  प्रगति हो सकती हैं।
नोट :अपनी  कुंडली अच्छे ज्योतिष को  दिखाइए ।

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Thursday, March 19, 2015

ज्योतिष :राशि के अनुसार मंत्र : इष्ट देव के अनुसार मंत्रों का जाप :Astrology : Mantra According to the Rasi:

इष्ट देव  के अनुसार मंत्रों का जाप :राशि के अनुसार मंत्र :
 राशि के अनुसार ईष्ट देव के  मंत्र का प्रतिदिन जाप करना चाहीए।  
मंत्रों का जाप किया जाय  तो लाभ प्राप्त होता  हैं। 
मेष राशि
ईष्ट देव : हनुमान जी
मंत्र : हं हनुमतये नम: या  ऊँ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीनारायण नम:
प्रतिदिन जाप संख्या : 21 या 108
कुल जाप संख्या : 1 लाख 
वृषभराशि
ईष्ट देव: चन्द्र देव 
मंत्र :  ऊँ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम: या ऊँ गौपालायै उत्तर ध्वजाय नम:
प्रतिदिन जाप संख्या : 11 या 108
कुल जाप संख्या :  सवा लाख 
मिथुनराशि
ईष्ट देव: गणेश जी
मंत्र : गं गणपतये शूर्पकर्णाय नम: या ऊँ क्लीं कृष्णायै नम:
प्रतिदिन जाप संख्या : 21 या 108
कुल जाप संख्या :  सवा दो लाख 
कर्कराशि
ईष्ट देव : शेषनाग की शैया पर बैठे विष्णु
मंत्र : विष्णवे मंगल मूतर्ये नम: या  ऊँ हिरण्यगर्भायै अव्यक्त रूपिणे नम: 
प्रतिदिन जाप संख्या : 11 या 108
कुल जाप संख्या : सवा दो लाख 
सिंहराशि
ईष्ट देव : सूर्यदेव
मंत्र :  ह्रीं आदित्याय भास्कराय नम: या ऊँ क्लीं ब्रह्मणे जगदाधारायै नम:
प्रतिदिन जाप संख्या : 51 या 108
कुल जाप संख्या :  सवा दो लाख 
कन्याराशि
ईष्ट देव: गणेश जी
मंत्र : सोमाय श्रीमन महा गणाधिपतये नम:  या ऊँ नमो प्रीं पीताम्बरायै नम:       
प्रतिदिन जाप संख्या : 51 या 108
कुल जाप संख्या : सवा लाख 
तुलाराशि
ईष्ट देवी : लक्ष्मी जी
मंत्र : ऐं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम: या  ऊँ तत्व निरंजनाय तारक रामायै नम:
प्रतिदिन जाप संख्या : 21,43 या 108 

कुल जाप संख्या : 2 लाख 51 हजार 
वृश्चिकराशि
ईष्ट देव: शिव जी
मंत्र : चन्द्रधारिणे शिवाय नम: या  ऊँ नारायणाय सुरसिंहायै नम:  
प्रतिदिन जाप संख्या : 51 या 108
कुल जाप संख्या : 1 लाख 51 हजार 
धनुराशि
ईष्ट देव:  मत्स्य अवतार
मंत्र : शशि वर्णाय श्री विष्णवे नम: या  ऊँ श्रीं देवकीकृष्णाय ऊध्वर्षंतायै नम:
प्रतिदिन जाप संख्या : 51 या 108
कुल जाप संख्या : सवा दो लाख 
मकरराशि
ईष्ट देवी : भद्र काली
मंत्र : दिव्याम आभां क्रीं काल्यै नम: या  ऊँ श्रीं वत्सलायै नम:
प्रतिदिन जाप संख्या : 27 या 108
कुल जाप संख्या : सवा तीन लाख
कुम्भराशि
ईष्ट देव : शनि देव
मंत्र : ऊँ प्रां प्रां प्रौं स: शनैश्चराय नम: या  श्रीं उपेन्द्रायै अच्युताय नम:
प्रतिदिन जाप संख्या : 27 या 108
कुल जाप संख्या : सवा तीन लाख 
मीनराशि
ईष्ट देव : विष्णु भगवान
मंत्र : गोवद्धर्नाय श्रीं विष्णवे नम: या   ऊँ क्लीं उद्धृताय उद्धारिणे नम:  
प्रतिदिन जाप संख्या : 51 या 108
कुल जाप संख्या : 1 लाख 70 हजार
 समस्या के समाधान के लिये मंत्र का जाप करना चाहीए।

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Saturday, March 14, 2015

अंक ज्योतिष :मूलांक के अनुसार पूजा और दान :Numerology: the worship and Dan:

मूलांक के अनुसार पूजा  और दान :
मूलांक १ :श्री गणेश की पूजा करे और  रविवार को गेहू दान करे।
मूलांक 2  : महालक्ष्मी की पूजा करे और  सोमवार को चावल का दान करे। 
मूलांक 3   :श्री गणेश और लक्ष्मी की साथ में पूजा करे और  गुरुवार को चने की दाल का दान करे। 
मूलांक ४ :श्री हनुमानजी का पूजन करे और शनिवार को काले तिल का दान करे।
मूलांक  ५ :श्री हरी विष्णु का पूजन करे और बुधवार को साबुत मुंग का दान करे। 
मूलांक ६ :शिव का पूजन करे और  बुधवार को गाय को हरा चारा डाले। 
मूलांक ७ :शिवलिंग पर जलाभिषेक करे और मंगलवार को सफ़ेद तिल का दान करे। 
मूलांक ८ :श्री कृष्ण का पूजन करे और  शनिवार को साबुत मुंग का दान करे। 
मूलांक ९ :श्री भैरव का पूजन करे और  मंगलवार को मसूर की दाल का दान। 

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Friday, March 13, 2015

ज्योतिष :ग्रहों की शान्ति के उपाय :गाय, पक्षी, कुत्ता, चींटियां और मछली से ग्रहों की शान्ति:Remadies for grah by Cow, bird, dog, ants and fish :Astrology:

ज्योतिषीय ग्रह दोष  के लिए गाय, पक्षी, कुत्ता, चींटियां और मछली से ग्रहों की शान्ति की जा सकती हैं और  जीवन की समस्याएं को दूर किया जा सकता   हैं।
गाय : गाय को रोटी खिलाए और सेवा करने से सभी सुख प्राप्त हो सकते हैं।प्रतिदिन गाय को रोटी खिलाना चाहिए।
पक्षियों  :पक्षियों को दाना डालने से आर्थिक मामलों और व्यवसाय में लाभ मिलाता  है।  प्रतिदिन पक्षियों को दाना अवश्य डाले ।
कुत्ता:  कुत्ते को रोटी खिलाना से  दुश्मनों से परेशानी  और उनका भय कम  होता  हैं अतः  कुत्ते को रोटी से नियमित रूप से खिलाना चाहिए। 
चींटियां  :चींटियों को शक्कर और आटे डालने से ,कर्ज से परेशानी खत्म   होती है।
मछली  :मछली को आटे की गोलियां खिलाते हैं तो   पुरानी संपत्ति (जो हाथ से निकल गई है ) और मूल्यवान वस्तु (जो खो गई है)तो प्राप्त होती  है।
गाय, पक्षी, कुत्ता, चींटियां और मछली  इनको खाना खिलाने से   उनके दुख-दर्द मे कमी  आती  हैं  और पुण्य  भी  प्राप्त होता  है। 
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Housi Lal Chourey
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Wednesday, March 11, 2015

ग्रहों की शान्ति के उपाय :किस ग्रह के लिए कौन सी जड़,पेड़ पौधे? Remadies for planets :Which planet root, plant trees?

 ग्रहों की शान्ति के  सरल उपाय जड़,पेड़ पौधे के द्वारा :
ग्रह - जड़-     पेड़ पौधे
सूर्य-बेल की जड़-सूर्यमुखी फूल,आम,पपीते का पेड़।
चन्द्र-खिरन
की जड़-लौकी का पेड़।
मंगल-अनन्त मूल
की जड़-लाल-मिर्च।
बुध-विधारा
की जड़ -धनिया,सौंफ,मेथी।
गुर-केले की जड़-लौंग,केला,हल्दी का पेड़।
शुक्र-स्वेत-लज्जावत
की जड़-कच्चे आम,हरी मिर्च,सफ़ेद फूल।
शन-शम
की जड़-सेव,नारंगी,निम्बू।
राह-स्वेत-चन्दन-सेव,नारंगी,निम्बू।
केत-अश्वगंध की जड़-लाल मिर्च।


गृह शांति के लिए जड़ को कब पहनें ?
सूर्य: बेलपत्र की जड़ लाल या गुलाबी धागे में रविवार पहनने से सूर्य ग्रह  को बल प्राप्त मिलता  है।
चंद्र :  खिरनी की जड़ सफेद धागे
में सोमवार पहनने से चंद्रग्रह  को बल प्राप्त मिलता  है।
मंगल : अनंत मूल या खेर की जड़ को  लाल धागे में मंगलवार
पहनने से मंगल से  ग्रह  को बल प्राप्त मिलता  है।

बुधवार : विधारा की जड़ को हरे धागे में पहनने से बुध ग्रह  को बल प्राप्त मिलता  है।
गुरु : केले की जड़ गुरुवार को पीले धागे में पहनने से गुरु  ग्रह  को बल प्राप्त मिलता  है।


कुंडली में ग्रहों  को बल प्राप्त मिलता  है।  

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Tuesday, March 10, 2015

ग्रहों की शान्ति के उपाय : आदत बदले और कुंडली के ग्रह बदले : ग्रहों के लिए उपाय :Remadies for planets:

आदत बदले और कुंडली के ग्रहों को बदले। 
आदतो का सम्बन्ध ग्रहों से होता है। तो आप अपनी आदत बदल कर  ग्रहों के  खराब असर को कम कर  सकते  हैं।
ग्रह और  आदत :

राहू  का असर :
घर  मे  व्यक्ति , मेहमान , काम करने वाला: पानी पिलाने  से  राहू कुंडली  मे ठीक  हो कर , बुरे प्रभाव को कम कर के  सुख-संपत्ति प्राप्त कराता है।
राहू और शनि असर :

कुंडली मे राहू और शनि को ठीक करने के  लिए घर और बिस्तर को अस्त-व्यस्त न  रहने देवे ।  सुबह उठते ही अपने बिस्तर की  सलवटें ठीक करे तथा चादर और तकिया ठीक जगह पर रखे। बिखरी हुई चीजों को ठीक जगह पर रखे।राहू और शनि का कुंडली  मे  बुरा  प्रभाव को कम होता  है। 
सूर्य  का असर: थूकने की आदत से सूर्य  खराब होते  है और यश, सम्मान कमी    लाता  है। तो सूर्य  का  नकारात्मक प्रभाव ठीक करने के लिए सिर्फ वाश बेसिन में ही थूकने की आदत डाले  ताकि उनकी मान-प्रतिष्ठा बनी रहे ।
सूर्य, शुक्र, बुध, चन्द्रमा का असर :
घर मे पौधों लगाने  से सूर्य, शुक्र, बुध, चन्द्रमा ठीक होता  है।  उनकी   देखभाल ठीक  से  करना  चाहिए
शारीरिक बीमारियां ठीक होती   है।
मंगल का असर :

रसोई में सफाई करने की आदत रहने  से  मंगल ग्रह के नकारात्मक असर कम होते हैं। 
चन्द्रमा का असर :
सुबह जल्दी उठने की आदत डाले तथा रात को देर तक जागना बंद कर देना चाहिए . ऐसा होने पर चन्द्रमा  ठीक होता  है.
बृहस्पति का असर :

अपने घर के पूजास्थल तथा पढ़ने-लिखने के कमरे में साफ-सफाई रखने  से बृहस्पति ठीक होता  है.


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